सिकंदरबाग
सिकंदरबाग
सिकंदरबाग, लखनऊ की समृद्ध संस्कृति का एक अप्रतिम साक्ष्य, लखनऊ-हज़रतगंज के मुख्य मार्ग पर केंद्र एवं राज्य सरकार के कार्यालयों के मध्य स्थित है। अवध के अंतिम बादशाह वाजिद अली शाह द्वारा निर्मित, यह विशाल उद्यान परिसर उनकी प्रिय सिकंदर बेगम को समर्पित था। 1853 में 5 लाख रुपये की लागत से निर्मित , सिकंदरबाग में अद्भुत वास्तुकला थी, जिसमें एक केंद्रीय घर, मस्जिद और तीन गुंबद वाली मस्जिद भी शामिल है, लेकिन जल्द ही इसकी भव्यता रक्तरंजित हो गयी । 1857 के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान, सिकंदरबाग भारतीय सिपाहियों के लिए एक मजबूत गढ़ बन गया। 16 नवंबर, 1857 को, सर कोलिन कैम्पबेल के नेतृत्व में ब्रिटिश बलों ने एक क्रूर हमला किया, और सिकंदरबाग की दीवारों को भेद दिया और इसी स्थान पर 2,000 से अधिक स्वतंत्रता सेनानियों की हत्या कर दी। यह स्थल युद्ध के विनाशकारी परिणामों का साक्षी है। आज, सिकंदरबाग उन लोगों की स्मृति को सम्मानित करता है अपने देश के लिए जो लड़े और मरे, जिनमें साहसी उदा देवी, एक दलित योद्धा महिला भी सम्मिलित है, जिसने विद्रोह में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह स्मारक भारत के अविस्मरणीय इतिहास और स्वतंत्रता के लिए संघर्षों की एक मार्मिक याद दिलाता है।